20 PROUD RAJPUTANA STATUS | STATUSA2Z
रखते हैं मूछों को ताव देकर ,यारी निभाते हैं जान देकर ,
ख़ौफ़ खाती है दुनिया हमसे , क्योंकि हम जीते हैं शेरों की दहाड़ लेकर !! #जय राजपूताना
*राजपूत*
ना दौलत पे नाज़ करते है ,
ना शोहरत पे नाज़ करते है ,
किया है भगवान ने “राजपूतो” के घर पैदा ,
इसलिए अपनी किस्मत पे नाज़ करते है..!!!
रहे हाथ ढाल तलवार और मज़बूती
तू धर दे माँ चामुंडा राजपूतों में मज़बूती
क्षत्रियो एक बनो नेक बनो !!#जय राजपूताना
*असली राजपूत*
अन्य के लिए जो रक्त बहाये
मातृभूमि का जो देशभक्त कहलाये
गर्जन से शत्रु का तख़्त हिलाये
असुरो से पृथ्वी को विरक्त कराये
वही असली राजपूत कहलाये.!!
जब हम सिंहासन पर बैठते हैं तो,राजा कहलाते है ,
जब हम घोङे पर सवार होते तो,योध्दा कहलाते है,
जब हम किसी की जान बचाते है तो,श्रत्रिय कहलाते है,
जब हम किसी को वचन देते है तो “राजपुत” कहलाते है !!
शेर का मुखौटा लगाकर कोई शेर यहीं बनता ,
भाला उठाकर कोई राणा प्रताप नहीं बनता ,
रणभूमि में पता चलता है योद्धाओं का ,
मूछों की मरोड़ी लगाने से कोई #राजपूत नहीं बनता !!
*कतरा कतरा*
कतरा कतरा चाहे बह जाये लहू बदन का,
कर्ज उतर दूंगा ये वादा आज मैं कर आया !!
हँसते – हँसते खेल जाऊंगा प्राण रणभूमि में,
ये केसरिया वस्त्र मैं आज धारण कर आया !!
कोशिश तो सब करते है ,लेकिन सबको हासिल ताज़ नहीं होता ,
शोहरत तो कोई भी कमा ले लेकिन राजपूतों वाला अंदाज़ नहीं होता !
*राजपूत की समाधी*
“दो दो मेला नित भरे, पूजे दो दो थोर
सर कटियो जिण थोर पर, धड जुझ्यो जिण थोर ” मतलब
एक राजपूत की समाधी पे दो दो जगह मेले लगते है, पहला जहाँ उसका सर कटा था और दूसरा जहाँ उसका धड लड़ते हुए गिरा था.
जो तुम कहते हो वो नादानी है
हमसे नज़रें मिलाने की कोशिश न कर
हमारी अकड़ खानदानी है ! #राजपूत
*राजपूत*
ज़ुल्म की पहचान मिटा के रख दें राजपूत,
चाहे तो कोहराम मचा के रख दें राजपूत ,
अभी सूखे पत्तो की तरह बिखरे है हम राजपूत,
अगर हो जाये एक तो दुनिया हिला के रख दें राजपूत..!!!
शीश कटे पर झुके नहीं
आगे बढ़े पर रुके नहीं
लड़े आंधी और तूफानों में
आत्म गौरव है राजपूतानो में !!
ना दौलत पे नाज़ करते है ,
ना शोहरत पे नाज़ करते है ,
किया है भगवान ने राजपूतों के घर पैदा,
इसलिए अपनी किस्मत पे नाज़ करते है !!
शेर कभी छुप कर वार नहीं करते, बुज़दिल कभी खुल कर वार नहीं करते
अरे ! हम तो योद्धा है राजपूत कौम के हम मर कर भी हार स्वीकार नहीं करते !!
बन के राजपूत लिया है जन्म,
बलिदान का सिलसिला रुकने ना दूंगा ,
माँ भवानी की कृपा है मुझ पर ,
अपने पुरखों का गर्वमस्तक झुकने ना दूंगा !!
झुक कर बात करने की आदत बना लो दुनिया वालों काफी फायदे में रहोगे
क्यूंकि आज भी #राजपूत से आँख मिला कर बात करने में नहीं !!
शाम को शराब पीने का क्या फ़ायदा है
शाम को पी सुबह उतर जायेगी
दो बूँद हमारे #राजपुताना की महफ़िल में पी लो यारों
सारी जिंदगी नशे में गुज़र जायेगी !!
रोको चाहे हमको हम बाज़ आएंगे
राजपूत है हम बस राज करते जायेंगे
लिखेगी दुनिया सारी हमारा फ़साना
याद रखेगा जिसे पूरा जमाना !!
हमने दुश्मनी भी उतनी शिदत से निभाई है
निभाया है दोस्ती का रिश्ता हमने जितने प्यार से
रिश्ते दोनों ही खून है
एक में खून लिया जाता है और एक में खून दिया जाता है !!
एक अलग सी पहचान बनाने की आदत है हमें ,
ज़ख्म हो जितना गहरा उतना मुस्कुराने की आदत है हमें ,
सब कुछ लूटा देते हैं दोस्ती मे
क्युंकि दोस्ती निभाने की आदत है हमें !!
अरे पगली इन आंखो मेँ
नशा राजपूताने का भरा है
प्यार का नहीँ
इन हाथोँ मेँ तलवार उठेगी गुलाब के फूल नही,
और ये हमारा क्षत्रिय राजपूताना है कोई सिनेमा हॉल
नहीँ,
यहाँ युद्ध और विजय की ही बाते होती है प्यार की
नहीँ !!
#जय राजपूताना
*राजपूत की तलवार*
राजपूत की आन-बाण-शान का प्रतीक है तलवार,
जीने का नया ढंग नया अंदाज सिखाती है ये तलवार,
सुंदर सजी हुई शानदार म्यान के अंदर रहकर भी,
वीरों के संग अर्धांगिनी सी विराजती है तलवार
बिना बात के तोह कोई भी हिथयार उठा सकता है
किसी की जान लेना तो कायरों का काम होता है
और किसी चीज़ के लिए जान देना राजपूत और राजाओं का काम होता है !!
जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकि है
अपने इरादों का इम्तिहान अभी बाकि है
नापी है मूठी भर जमीन अभी तो सारा आसमान बाकी है !!
जंग खाई तलवार से युद्ध नहीं लड़े जाते
लंगड़े घोड़े पर दांव नहीं लगाये जाते
यूं तो लाखों वीर होते है पर सब महाराणा प्रताप नहीं होते
खूबसूरत हर लड़की होती है पर सब रानी पदमनी नहीं होती
धरती पर पूत तो सभी होते है पर सब राजपूत नहीं होते !!
*इतिहास*
प्यासी तलवारों को योद्धा रक्त पिलाने बैठे हैं ,
मेरे राजपूत शेर शिकार करने के लिए बैठे हैं !
दुखों का पहाड़ झुकाने सूरमा आज गंभीर बैठे हैं ,
मेरे वीर राजपूत इतिहास लिखने के लिए बैठे हैं !
दुनिया को राजपूतों से बहुत गिले है
क्यूंकि उन्हें राजपूतों से सिर्फ दर्द और जख्म ही मिले हैं
लेकिन राजपूत भी क्या करते उन्हें तो हथियार विरासत में मिले है !!
गिरते है शाह सवार ही मैदान-ए -जंग मैं ,
वो तिफ़्ल क्या गिरेंगे जो घुटनो के बल चलें !!
ज़िंदगी तो राजपूत जिया करते है
दिगजो को पछाड़ दिया करते है
कौन रखता है किसी के सिर पर ताज
राजपूत तो अपना राजतिलक खुद किया करते हैं !!
*‘क्षत्रिय ’*
मर सकता हूँ मगर झुकना नहीं है मंज़ूर मुझे,
हाँ मैं ‘क्षत्रिय ’ हूँ, इस बात का है ग़ुरूर मुझे,
दंभ है पश्चिम तुझे, चुटकी में तोड़ देंगे हम,
हुंकार भर जो उठ गए, घमंड तेरा चूर है,
सांसों में मेरी संस्कृति है, वेद बहते ख़ून में,
पुराण-शास्त्र-उपनिषद, चेहरे का मेरे नूर है,
ख़ौफ़ खाती है दुनिया हमसे , क्योंकि हम जीते हैं शेरों की दहाड़ लेकर !! #जय राजपूताना
*राजपूत*
ना दौलत पे नाज़ करते है ,
ना शोहरत पे नाज़ करते है ,
किया है भगवान ने “राजपूतो” के घर पैदा ,
इसलिए अपनी किस्मत पे नाज़ करते है..!!!
20 PROUD RAJPUTANA STATUS | STATUSA2Z |
रहे हाथ ढाल तलवार और मज़बूती
तू धर दे माँ चामुंडा राजपूतों में मज़बूती
क्षत्रियो एक बनो नेक बनो !!#जय राजपूताना
*असली राजपूत*
अन्य के लिए जो रक्त बहाये
मातृभूमि का जो देशभक्त कहलाये
गर्जन से शत्रु का तख़्त हिलाये
असुरो से पृथ्वी को विरक्त कराये
वही असली राजपूत कहलाये.!!
जब हम सिंहासन पर बैठते हैं तो,राजा कहलाते है ,
जब हम घोङे पर सवार होते तो,योध्दा कहलाते है,
जब हम किसी की जान बचाते है तो,श्रत्रिय कहलाते है,
जब हम किसी को वचन देते है तो “राजपुत” कहलाते है !!
शेर का मुखौटा लगाकर कोई शेर यहीं बनता ,
भाला उठाकर कोई राणा प्रताप नहीं बनता ,
रणभूमि में पता चलता है योद्धाओं का ,
मूछों की मरोड़ी लगाने से कोई #राजपूत नहीं बनता !!
*कतरा कतरा*
कतरा कतरा चाहे बह जाये लहू बदन का,
कर्ज उतर दूंगा ये वादा आज मैं कर आया !!
हँसते – हँसते खेल जाऊंगा प्राण रणभूमि में,
ये केसरिया वस्त्र मैं आज धारण कर आया !!
कोशिश तो सब करते है ,लेकिन सबको हासिल ताज़ नहीं होता ,
शोहरत तो कोई भी कमा ले लेकिन राजपूतों वाला अंदाज़ नहीं होता !
*राजपूत की समाधी*
“दो दो मेला नित भरे, पूजे दो दो थोर
सर कटियो जिण थोर पर, धड जुझ्यो जिण थोर ” मतलब
एक राजपूत की समाधी पे दो दो जगह मेले लगते है, पहला जहाँ उसका सर कटा था और दूसरा जहाँ उसका धड लड़ते हुए गिरा था.
जो तुम कहते हो वो नादानी है
हमसे नज़रें मिलाने की कोशिश न कर
हमारी अकड़ खानदानी है ! #राजपूत
*राजपूत*
ज़ुल्म की पहचान मिटा के रख दें राजपूत,
चाहे तो कोहराम मचा के रख दें राजपूत ,
अभी सूखे पत्तो की तरह बिखरे है हम राजपूत,
अगर हो जाये एक तो दुनिया हिला के रख दें राजपूत..!!!
शीश कटे पर झुके नहीं
आगे बढ़े पर रुके नहीं
लड़े आंधी और तूफानों में
आत्म गौरव है राजपूतानो में !!
ना दौलत पे नाज़ करते है ,
ना शोहरत पे नाज़ करते है ,
किया है भगवान ने राजपूतों के घर पैदा,
इसलिए अपनी किस्मत पे नाज़ करते है !!
शेर कभी छुप कर वार नहीं करते, बुज़दिल कभी खुल कर वार नहीं करते
अरे ! हम तो योद्धा है राजपूत कौम के हम मर कर भी हार स्वीकार नहीं करते !!
बन के राजपूत लिया है जन्म,
बलिदान का सिलसिला रुकने ना दूंगा ,
माँ भवानी की कृपा है मुझ पर ,
अपने पुरखों का गर्वमस्तक झुकने ना दूंगा !!
झुक कर बात करने की आदत बना लो दुनिया वालों काफी फायदे में रहोगे
क्यूंकि आज भी #राजपूत से आँख मिला कर बात करने में नहीं !!
शाम को शराब पीने का क्या फ़ायदा है
शाम को पी सुबह उतर जायेगी
दो बूँद हमारे #राजपुताना की महफ़िल में पी लो यारों
सारी जिंदगी नशे में गुज़र जायेगी !!
रोको चाहे हमको हम बाज़ आएंगे
राजपूत है हम बस राज करते जायेंगे
लिखेगी दुनिया सारी हमारा फ़साना
याद रखेगा जिसे पूरा जमाना !!
हमने दुश्मनी भी उतनी शिदत से निभाई है
निभाया है दोस्ती का रिश्ता हमने जितने प्यार से
रिश्ते दोनों ही खून है
एक में खून लिया जाता है और एक में खून दिया जाता है !!
एक अलग सी पहचान बनाने की आदत है हमें ,
ज़ख्म हो जितना गहरा उतना मुस्कुराने की आदत है हमें ,
सब कुछ लूटा देते हैं दोस्ती मे
क्युंकि दोस्ती निभाने की आदत है हमें !!
अरे पगली इन आंखो मेँ
नशा राजपूताने का भरा है
प्यार का नहीँ
इन हाथोँ मेँ तलवार उठेगी गुलाब के फूल नही,
और ये हमारा क्षत्रिय राजपूताना है कोई सिनेमा हॉल
नहीँ,
यहाँ युद्ध और विजय की ही बाते होती है प्यार की
नहीँ !!
#जय राजपूताना
*राजपूत की तलवार*
राजपूत की आन-बाण-शान का प्रतीक है तलवार,
जीने का नया ढंग नया अंदाज सिखाती है ये तलवार,
सुंदर सजी हुई शानदार म्यान के अंदर रहकर भी,
वीरों के संग अर्धांगिनी सी विराजती है तलवार
बिना बात के तोह कोई भी हिथयार उठा सकता है
किसी की जान लेना तो कायरों का काम होता है
और किसी चीज़ के लिए जान देना राजपूत और राजाओं का काम होता है !!
जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकि है
अपने इरादों का इम्तिहान अभी बाकि है
नापी है मूठी भर जमीन अभी तो सारा आसमान बाकी है !!
जंग खाई तलवार से युद्ध नहीं लड़े जाते
लंगड़े घोड़े पर दांव नहीं लगाये जाते
यूं तो लाखों वीर होते है पर सब महाराणा प्रताप नहीं होते
खूबसूरत हर लड़की होती है पर सब रानी पदमनी नहीं होती
धरती पर पूत तो सभी होते है पर सब राजपूत नहीं होते !!
*इतिहास*
प्यासी तलवारों को योद्धा रक्त पिलाने बैठे हैं ,
मेरे राजपूत शेर शिकार करने के लिए बैठे हैं !
दुखों का पहाड़ झुकाने सूरमा आज गंभीर बैठे हैं ,
मेरे वीर राजपूत इतिहास लिखने के लिए बैठे हैं !
दुनिया को राजपूतों से बहुत गिले है
क्यूंकि उन्हें राजपूतों से सिर्फ दर्द और जख्म ही मिले हैं
लेकिन राजपूत भी क्या करते उन्हें तो हथियार विरासत में मिले है !!
गिरते है शाह सवार ही मैदान-ए -जंग मैं ,
वो तिफ़्ल क्या गिरेंगे जो घुटनो के बल चलें !!
ज़िंदगी तो राजपूत जिया करते है
दिगजो को पछाड़ दिया करते है
कौन रखता है किसी के सिर पर ताज
राजपूत तो अपना राजतिलक खुद किया करते हैं !!
*‘क्षत्रिय ’*
मर सकता हूँ मगर झुकना नहीं है मंज़ूर मुझे,
हाँ मैं ‘क्षत्रिय ’ हूँ, इस बात का है ग़ुरूर मुझे,
दंभ है पश्चिम तुझे, चुटकी में तोड़ देंगे हम,
हुंकार भर जो उठ गए, घमंड तेरा चूर है,
सांसों में मेरी संस्कृति है, वेद बहते ख़ून में,
पुराण-शास्त्र-उपनिषद, चेहरे का मेरे नूर है,
No comments